कख होली मेरी डाँडी व काँठी, कख कुरेड़ी सौण की,
रूम झुम बरखा छुम छुम छोया, मैं कू सूझीं छ स्येण की।
हालड़ का बीच छानी होली, भैंसी बियाई सौण की,
दूद तपाला, खीर पकाला, गोंदगी खाला नौंण की।
बल्दू की घांडी, घस्यारियों का गीत आग लगौंदा ज्यू की।
कखड़ी व ग्वदड़ी पाकींगे होली, बग्वाल पड़ली छोरू की,
मुंगरी की लुंग अजूँ नी चाखी खुद लगीं च दादी की।
ध्वीड़ मिर्गू कँ चाँत पियारो, मैं कू प्यारो गढ़वाल छ,
डाँड्यों का दर्शन होई जौन, लालसा या ही मन मा छ।
चिट्ठी न पतरी कै पापी की भी, याद नी होली सुपिना मा,
मुखड़ी देखीक टुकड़ी हौंन्दी प्यार नी होलू कैका दिल मा।
शब्द | अर्थ |
गोंदगी | टिक्की |
नौंण | मक्खन |
बग्वाल | मौज |
अपने वतन(प्रदेश),घर से अधिक दिनो तक दूरी मनुष्य तो क्या पशु पक्षी भी बरदशत नहीं कर सकते। फिर मनुष्य तो सामाजिक प्राणी है समय बीतने पर अपने मुल्क(प्रदेश)अपनी मातृभूमि की किसे याद नहीं आयेगी? ऐसे ही एक सैनिक( पहाड़ी भुला)जो अपनी जन्मभूमि से दूर बार्डर पर मातृभूमि की रक्षा हेतु तैनात है अपने घर,पहाड़ और ऊँचे-ऊँचे वृक्षों की याद एक कविता के माध्म से फूट पड़ती है। कहाँ और कैसी होगी मेरे मुल्क(जन्म भूमि) की गाँव, घर, पहाड़ियाँ और वे ऊँचे-ऊँचे साल - चीड़ के पेड़। जहाँ सावन मास का घना कोहरा छाया हुआ होगा। वर्षा की फुहार पढ़ रही होगी।जगह-जगह झरने-छोया फूट पड़े होगें। उन दिनो ऐसे में मुझे नींद आती थी।
गुठ्यार के बीच मे गौशाला होगी।इस सावन में भैंस भी ब्याह गयी होगी।भैंस का दूध गरम कर खीर पका रहे होगें।मक्खन ढली रोटी में रखकर खा रहे होगें। बैलों की घण्टी की आवाज़, घास-लकड़ी को जा रही बेटी-ब्वारियों के गीत की आवाज मेरे मन उदास करती हैं।
ककड़ी, (खीरा), गुदड़ी(तोरी) बड़ी-बड़ी(पक गये) हो गये होगे और लड़कों के लिये जैसे त्यौहार (दीवाली) आ गया होगा।उनकी तो मौज ही मौज होगी।
मुगरीं(मक्की) भी अभी नहीं तोड़ी गयी होगीं मुझे मेरी दादी की याद आती है। जिस प्रकार मृगों और घ्वीड़ो (एक हिरन की ही प्रजाति जो पहाड़ों की तीखी ढलानों पर रहती है) को अपनी तीखी ढलान वाली पहाड़ प्यारा होता है वैसे ही मुझे भी अपना गढ़वाल प्यारा है।
मुझे मेरे मुल्क (प्रदेश) की पहाड़ियों के दर्शन हो जाएं यही लालसा मन मे बाकी है।उलाहना देते हुए सैनिक कहता है किसी की भी चिट्ठी-पत्री नहीं आयी है। स्वपन मे भी कोई याद नहीं करता।फोटो देखकर दिल तार-तार हो जाता है लगता है किसी को भी मुझसे लगाव नहीं है।